जगन्नाथ का अर्थ है ‘पुरे ब्रह्माहंड के भगवान’ |
भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के साथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को भी अलग-अलग रथों पर ले जाया जाता है और गुंडिचा मंदिर में ले जाने से पहले पूरे शहर का भ्रमण कराया जाता है।
और बाद में तीनो मूर्तियों को वापिस उसी मंदिर में लाया जाता है |
यह भारत में एक त्योहार की तरह मनाया जाता है जो की 53 साल में केवल एक बार ही आता है |