CBI ने NEET पेपर लीक केस में हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल समेत दो और गिरफ्तारियां की हैं. ओएसिस स्कूल के प्रिंंसिपल डॉ एहसान उल हक NEET एग्जाम के डिस्ट्रिक कोऑर्डिनेटर भी थे |
NEET पेपर लीक मामले में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ एहसान-उल-हक और सेंटर सुप्रिटेंडेट इम्तियाज को CBI ने आज गिरफ्तार कर लिया. डॉ एहसान NEET एग्जाम हजारीबाग के डिस्ट्रिक कोऑर्डिनेटर भी थे. CBI ओएसिस स्कूल हजारीबाग के प्रिंसिपल एहसान उल हक और वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम के साथ–साथ एक पत्रकार को भी हजारीबाग से पटना लेकर आ सकती है. CBI आगे की पूछताछ पटना में करेगी |
CBI गुरुवार को पूछताछ के लिए हजारीबाग के चरही गेस्ट हाउस लेकर पहुंची थी | CBI की टीम ने पहले एहसान-उल-हक से इसी गेस्ट हाउस में पूछताछ की | बता दें कि पिछले चार दिनों से CBI की टीम हजारीबाग में NEET प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच कर रही है. बुधवार को ओएसिस स्कूल में जांच के बाद CBI टीम ने प्रिंसिपल एहसान उल हक को हिरासत में ले लिया था.
दो पत्रकारों का भी कनेक्शन आया सामने
प्रिंसिपल एहसान उल हक के साथ दो पत्रकारों का कनेक्शन CBI में ट्रैक किया था. यह दोनों झारखंड के एक के हिंदी दैनिक से जुड़े हुए हैं. CBI टीम जिस पत्रकार को पटना लेकर आ सकती है उसका नाम सलाउद्दीन बताया जा रहा है. पत्रकार और प्रिंसिपल के बीच पेपर लीक और NEET परीक्षा के दौरान लगातार बातचीत होती रही .एहसान उल हक के कॉल डिटेल्स के आधार पर पत्रकार को CBI ने पूछताछ के लिए बुलाया था |
ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल का क्या था रोल?
दरअसल, NEET पेपर लीक मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस को गिरफ्तार अभ्यर्थियों के घर से अधजले कागजात मिले थे, इसमें प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी भी थी. इसके बाद बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इन जले हुए कागजात का मिलान एनटीए द्वारा उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्नपत्र से किया, जिसमें अधजले कागजात में 68 प्रश्न मूल प्रश्नपत्र से हूबहू पाए गए. आगे की जांच में सामने आया कि पुलिस को जो प्रश्नपत्र मिले हैं, वे हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के बुकलेट से मेल खाते हैं. इसके बाद से ही ओएसिस स्कूल पर CBI की नजर है |
इस मामले को लेकर प्रिंसिपल एहसान उल हक ने आजतक पर सफाई देते हुए खुद को बेकसूर बताया था. लेकिन EOU सूत्रों के मुताबिक उनकी भूमिका संदिग्ध है. बता दें कि ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक CBSE के सिटी कोऑर्डिनेटर भी हैं. उनके पास चार जिले हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के सेंटर आते हैं, जहां CBSE कई एग्जाम कंडक्ट कराती है.
प्रिंसिपल ने आरोपों को लेकर क्या कहा था
हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा था कि मैं एनटीए में सिटी कॉर्डिनेटर हूं. मेरा रोल बहुत ही छोटा होता है कि मुझे बैंक से पेपर को बक्से को रिसीव करना होता है. इसके बाद सुनिश्चित करना कि सारे पेपर्स को कंट्रोल रूम में रखा जा सके. इस रूम में एनटीए के सीसीटीवी लगे होते हैं. यह रूम लॉक रहता है, यहां पर कई सारे इनविजिलेटर होते हैं. हमारा काम होता है सारे सेंटर्स पर राउंड लगाना ताकि कहीं कोई गड़बड़ी ना हो. इसके बाद आखिरी जिम्मेदारी हमारी होती है बक्सों को एनटीए को सौंप देना
पैकेट में छेड़छाड़ की बात
प्रिंसिपल ने कहा था कि ये बहुत Sad खबर है कि इस मैटर में कुछ लोग आरोपी हमें ही बता रहे हैं. Paper सात लेयर में आता है. सबसे पहले एक लोहे का बॉक्स होता है. उसके ऊपर गत्ते का एक कवर होता है. इसके ऊपर एनटीए की टेंपिग होती है. इसमें दो तरह के ताले होते हैं, एक डिजिटल लॉक, जो अपने आप खुलता है और दूसरे ताला को काटना होता है, जिसके लिए छोटी सी आरी भी दी हुई होती है. इसके बाद पैकेट को खोला जाता है. हम लोग जब जांचने के लिए जाते हैं तो उस गत्ते को जांचा जाता है कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है. इस बार जब पेपर आया तो मैंने जांच की थी तब गत्ते या टेपिंग में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी. इस दौरान एनटीए की तरफ से दो ऑब्सर्वर, दो Students और बाकी लोग मौजूद होते हैं |